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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤संचालक बुद्ध अकादमी✤|•༻
created Sep 15th 2020, 09:32 by GuruKhare
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एक बार की कहानी है एक जंगल में एक सिंह रहता था। वह उस जंगल का राजा था। एक बार वह अपने गुंफा में सो रहा था। तभी एक छोटा सा चूहा सिंह के ऊपर चढ़ कर उछल-उछल कर कूदने लगा। जैसे ही सिंह की नजर खुली उसने झट से अपने पंजों में उस चूहों को पकड़ लिया। जैसे ही चूहा सिंह के हाथ में पकड़ा गया वह जोर-जोर से चिल्ला-चिल्ला कर क्षमा मांगने लगा और बोलने लगा मुझे छोड़ दीजिये छोड़ दीजिये आगे से ऐसी गलती मैं और कभी नहीं करूंगा, क्या पता मैं भी कभी आपके काम आ सकता हूं।
सिंह ने उस चूहे की इस बात को गौर किया और उसे छोड़ दिया कुछ दिनों बाद कुद शिकारी आये और उन्होंने एक जाल लगाया। बदकिस्मती से वह सिंह उस जाल में फंस गया और बचाओ-बचाओ कहने लगा। उसी समय वही चूहा कहीं जा रहा था। जब उसने देखा कि सिंह जाल में फंस गया है और वह मुश्किल में है उसने अपना तरकीब लगाया। उस चूहे ने पूरे जाल को कुतर कर सिंह को आजाद कर दिया।
जीवन में दया और क्षमा से बड़ी कोई चीज नहीं। जीवन में मदद करने वाले को ही मदद मिलती है।
सिंह ने उस चूहे की इस बात को गौर किया और उसे छोड़ दिया कुछ दिनों बाद कुद शिकारी आये और उन्होंने एक जाल लगाया। बदकिस्मती से वह सिंह उस जाल में फंस गया और बचाओ-बचाओ कहने लगा। उसी समय वही चूहा कहीं जा रहा था। जब उसने देखा कि सिंह जाल में फंस गया है और वह मुश्किल में है उसने अपना तरकीब लगाया। उस चूहे ने पूरे जाल को कुतर कर सिंह को आजाद कर दिया।
जीवन में दया और क्षमा से बड़ी कोई चीज नहीं। जीवन में मदद करने वाले को ही मदद मिलती है।
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