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साँई टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Aug 1st 2020, 10:24 by lovelesh shrivatri
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एक बार एक औरत ने अपनी पड़ोसन से एक बर्तन मांगा और दूसरे दिन उसने एक अन्य छोटे से बर्तन के साथ वह बर्तन वापस कर दिया। पड़ोसन को आश्चर्य हुआ उसने उससे पूछा कि, वह छोटा बर्तन कहां से आया? औरत ने जवाब दिया- तुम्हारे बड़े बर्तन ने छोटे बर्तन को जन्म दिया है। उस औरत ने सोचा कि उसकी पड़ोसन का दिमाग घूम गया है, उसने उसे कुछ नहीं कहा। क्योंकि वह एक और बर्तन पाकर बहुत खुश थी।
कुछ दिनों बाद पड़ोसन ने बर्तन फिर उधार मांगा। मगर इस बार उसने बर्तन अपनी पड़ोसन को वापस नहीं किया। सहेली के बर्तन मांगने पर उसने कहा- बर्तन तुम्हारा बर्तन मर गया है। पड़ोसन ने हंसकर उससे पूछा कि बर्तन कैसे मर सकता है। इस पर उस औरत ने बड़ी चतुराई से कहा- अगर तुम्हारा बर्तन, दसरे बर्तन को जन्म दे सकता है तो, मर भी सकता है। यह सनुकर पड़ोसन दंग रह गई। मगर अब उस पड़ोसन के पास बर्तन को खो देने के अलावा कोई दूसरा चुनाव नहीं था।
शिक्षा- इससे हमें यहां सिखने को मिलता है कि अनेकों बार हम छोटे से लाभ के लिए अपने आप को मुसीबतों में डाल लेते हैं। अत: हमें तात्कालिक लाभ नहीं देखते हुए किसी विषय पर विस्तार पूर्वक सोचना चाहिए, कि क्या गलत है और क्या सही है।
कुछ दिनों बाद पड़ोसन ने बर्तन फिर उधार मांगा। मगर इस बार उसने बर्तन अपनी पड़ोसन को वापस नहीं किया। सहेली के बर्तन मांगने पर उसने कहा- बर्तन तुम्हारा बर्तन मर गया है। पड़ोसन ने हंसकर उससे पूछा कि बर्तन कैसे मर सकता है। इस पर उस औरत ने बड़ी चतुराई से कहा- अगर तुम्हारा बर्तन, दसरे बर्तन को जन्म दे सकता है तो, मर भी सकता है। यह सनुकर पड़ोसन दंग रह गई। मगर अब उस पड़ोसन के पास बर्तन को खो देने के अलावा कोई दूसरा चुनाव नहीं था।
शिक्षा- इससे हमें यहां सिखने को मिलता है कि अनेकों बार हम छोटे से लाभ के लिए अपने आप को मुसीबतों में डाल लेते हैं। अत: हमें तात्कालिक लाभ नहीं देखते हुए किसी विषय पर विस्तार पूर्वक सोचना चाहिए, कि क्या गलत है और क्या सही है।
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