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साँई टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्‍यू बैच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Jun 27th 2020, 14:41 by Jyotishrivatri


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बहुत समय पहले की बात है, दो दोस्‍त थे और वो एक दूसरे से बहुत ही ज्‍यादा प्‍यार करते थे। राहुल दस साल का था और राज सात साल का था, दोनों हमेशा एक साथ घूमने जाया करते थे। एक दिन की बात है दोनों घूमने गए थे की उनको एक कुआं दिखा दोनों बहुत ही तेजी से उसको देखने के लिए भागे। फिर क्‍या था दोनों वहां पर पहुंच गए और कुआं में झांककर देखने लगे। यह बहुत ही सुन सान जगह थी, जहां पर दूर-दूर तक कोई नहीं था सिर्फ ये दोनों दोस्‍त ही थे। दोनों कुआं में झाक ही रहे थे की राहुल का पैर फिसल गया और वह कुआं में गिर गया। राहुल को कुआं में गिरा देख राज जोर-जोर से चिल्‍लाने लगा और बोला राहुल को कोई तो बचा लो। जब कोई नहीं आया तो राज को लगा राहुल अब डूब जायेगा, उसने देखा की कुआं के बगल में एक बाल्‍टी रस्‍से से बांधी है। उसने तुरंत बाल्‍टी को कुआं में फेक दिया और राहुल इसको पकड़ लो। राहुल ने भी उस बल्‍टी को पकड़ लिया और राज जोर-जोर से रस्‍सी को अपनी तरफ खींचने लगा और बहुत देर मेहनत के बाद राहुल बहार ही गया। फिर दोनों ने एक दूसरे को गले से लगाया और बोला घर पर चल कर सबको यह बात बताते है। फिर क्‍या था दोनों घर पर गए और सब लोगों को बताने लगे, फिर क्‍या था दोनों की बात सुनकर पूरे मुहल्‍ले वाले हंसने लगे और बोले- राज तो इतना छोटा है यह राहुल को कैसे बचा सकता है।  
वही पर एक बहुत ही पुराने दादा जी थे जो इन दोनों की बात को बहुत ही ध्‍यान से सुन रहे थे। जब सब लोग चुप हो गए तो उन्‍होंने ने बोला यह लड़के सही बोल रहे है। सब लोग हैरान होकर दादा जी को देखने लगे और बोले कैसे? फिर दादा जी ने बताया की जब राहुल डूब रहा था तब वहां दूर-दूर तक कोई भी नहीं था, और यही बात राज को समझ गयी थी की अब राहुल को सिर्फ वही बचा सकता है और उसने पूरी कोशिश भी किया और अंत में सफल भी हो गया। दादा जी की बात सुनकर सब लोग बहुत ही खुश हो गए और राज को खूब प्‍यार दिया।  
दोस्‍तों इसी तरह हमारी लाइफ में भी होता है कि हम लोग कुछ काम से डर जाते है कि हम नहीं कर पाएंगे लेकिन अगर कोशिश किया जाये तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं है।  
 
 
 
 
 
 
 
 

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