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जेआर टायपिंग इंस्टिट्यूट, लोकमान चौराहा, टीकमगढ़ म0प्र0 सीपीसीटी स्पेशल। संचालक :- अंकित भटनागर मो.नं. 7000315619

created May 23rd 2020, 02:49 by AnkitBhatnagar


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देश में कोरोना वायरस से लेकर हाहाकर की स्थिति बनी है। हर तरफ डर का वातावरण है। उपाय को लेकर जितने मुंह उतनी बातें। हर एक के अपने-अपने उपाय। हकीकत में एक मात्र उपाय है स्‍वच्‍छता सतर्कता की जिद। इससे ही हम इस भय के नकारात्‍मक माहौल को स्‍वच्‍छता के पॉजिटिव आगाज में बदल सकते। सवाल यह है कि क्‍या किसी सरकार या संस्‍था ने स्‍वच्‍छता की सामूहिक पहल की है? जवाब ना में ही मिलेगा, क्‍योंकि हर कोई अपनी सोच रहा है। यह सही है कोरोना वायरस जानलेवा है, लेकिन इस वायरस को जान लेने के प्लान के बारे में कोई मिलकर नहीं सोच रहा। देश में कोराना वायरस के जरिए ही सही स्‍वच्‍छता का आगाज हो जाए तो आने वाले समय में ऐसे कई वायरस से केवल निपट लेंगे, बल्कि निपटा ही देंगे। स्‍वच्‍छता की शुरूआत घर ससे मोहल्‍ले तक और गांव से लेकर शहर तक पहुंच जाए तो समझिए हम गंभीरता के साथ कोरोना वायरस से लड़ते-जूझते नजर आएंगे। आज हर को मास्‍क, सेनेटाइजर अपने लिए खरीद रहा है। कोई सरकार कोई अस्‍पताल इस सोच के साथ आगे नहीं आया कि हम इस इलाके में स्‍वच्‍छता के सारे उपाय करेंगे और सतर्कता की टिप्‍स देंगे। कोरोना को लेकर हम कितने गंभीर है, इसकी बानगी सोशल मीडिया पर देखी जा सकती है। तरह-तरह के उपाय हिन्‍दी, अंग्रेजी भाषाओं में कोरोना को भगाने की पैरोडियो से लेकर शराब के नशे तक को कोरोना की दवाई बताकर किया जा रहा है। जानलेवा वायरस का मुकाबला हम फेसबुक  वाट्सएप पर मैसेज वायरल करके दे रहे हैं। सरकार को सबसे पहले ऐसी पोस्‍टों को सोशल मीडिया से डिलीट करवाना चाहिए। इस पर रोक लगनी चाहिए। चाइना-इटली-अमेरिका जैसे देशों में इस वायरस से निपटने के क्‍या उपाय किए गए, वह केस स्‍टडी हमारे सामने आए तो शायद हम कुछ समझ सकेंगे, लेकिन उल्‍टा हो रहा है। हम अपने देशी नुस्‍खे उन्‍हें बता रहे हैं कि मैं हूं कोरोना मेरा क्‍या बिगाड़ लेगा। ऐसी लापरवाही भी उचित नहीं हैं। सतर्कता और स्‍वच्‍छता के लिए सामाजिक स्‍तर पर एक सामूहिक पहल हो जाए तो यह हमारे देश के लिए// दूरगामी दृष्टिकोण होगा। हमारे समाज में एक नया वातावरण एक नया नजरिया जन्‍म लेगा। देश में अलग-अलग राज्‍यों की सरकारों ने सतर्कता को लेकर तो कई एडवाइजरी जारी की हैं। लेकिन, सरकार को इससे आगे बढ़कर निजी अस्‍पतालों को भी साथ जोड़ना चाहिए। स्‍कूल, कॉलेज, मॉल, टॉकीज बंद रखने के निर्देश दिए, लेकिन कोई सरकार और उसकी संस्‍थाएं स्‍वच्‍छता को लेकर प्रयास करती नहीं दिखी। ही कहीं मास्‍क का इंतजाम है और ही सेनेटाइजर या पेपर नेपकिन की व्‍यवस्‍था। इसके उलट, हो यह रहा है कि 10 रु. का मास्‍क 100 रु. में और 50 रुपए के सेनेटाइजर के 200 रु. वसूले जा रहे हैं, पर कोई कंट्रोल नहीं। हम अपने घर से ही स्‍वच्‍छता सतर्कता की शुरूआत कर दें तो शायद हम इस कोरोना वायरस को मात दे सकते हैं, यही हमारा संकल्‍प होना चाहिए। हर अच्‍छे काम की शुरूआत घर से होती है यह सच है, लेकिन देखना यह भी चाहिए कि क्‍या सभी सतर्क है या नहीं? सतर्कता में लापरवाही का कोई स्‍थान नहीं है। हम कोरोना से लड़कर मिसाल कायम कर सकते हैं।

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