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सॉंई टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्‍यू बैच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565

created Mar 27th 2020, 15:59 by renukamasram


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हर प्राणी अपनी शक्ति के बारे में अनजान है। वह अपने अन्‍दर छिपी शक्ति को नहीं पहचानता, उसे अपनी इस शक्ति का पता उस समय ही चलता है, जब वह वक्‍त पड़ने पर उसे प्रयोग में लाता है। जिसने भी संसार में जन्‍म लिया है, उसे कर्म करना ही पड़ेगा। बिना कर्म किए तो कोई कुछ हासिल नहीं कर सकता। उदाहरण के लिए एक अबोध शिशु को ही ले लीजिए- जब शिशु रोता है तभी मां समझती है कि वह भूखा है, इसीलिए वह उसे दूध पिलाती है अन्‍यथा जब तक बालक नहीं रोता, मां उसे दूध नहीं पिलाती। यह बात तो आप अच्‍छी तरह जानते हैं कि तारपीडो का गोला इतना शक्तिशाली होता है कि वह बड़े से बड़े युद्धपोतों को भी उड़ा देता है, परन्‍तु इस गोले की ताकत को साधारण धक्‍के से तो नहीं चलाया जा सकता। भले ही बच्‍चे उस गोले से खेलते रहें। इसे इधर-उधर फेंकते रहें। किसी चीज से इस पर चोट मारते रहें, इसे मिलजुल कर हाथ में उठा लें और चाहें किसी दीवार पर मारें तो भी इस गोले की भीषण शक्ति नहीं भड़केगी। इसकी शक्ति को यदि उपयोग में लाना है, तो उसे विशेष तोप से ही छोड़ना होगा। बिना तोप के यह गोला शक्तिहीन है। आप क्‍या समझते हैं कि यह गोला कोई साधारण शक्ति का मालिक है? नहीं, ऐसी बात नहीं है। यह देखने में तो बहुत छोटे से आकार का लगता है, मगर इसकी शक्ति का तो उस समय पता चलता है, जब यह हजारों टन के भारी जहाज को क्षणों में ही धूल में मिला देता है। अपनी इस शक्ति को तो यह गोला स्‍वयं भी नहीं जानता, परन्‍तु जब इसका विनाशकारी परिणाम हमारे सामने आता है तो हम अहसास होता है कि एक छोटी चीज भी इतनी बड़ी चीज को नष्‍ट करने में सफल हो सकती है। ठीक इसी तरह हर प्राणी अपनी शक्ति के बारे में अनजान है। वह अपने अन्‍दर छिपी शक्ति को नहीं पहचानता, उसे अपनी इस शक्ति का पता उस समय ही चलता है, जब वह वक्‍त पड़ने पर उसे प्रयोग में लाता है। ऐसे ही व्‍यक्ति अमरीकन फौज के जनरल ग्रांट थे, जो इतिहास में अपना नाम रोशन कर गए। यदि वे साधारण सैनिक बनकर ही अपना कार्यकाल पूरा कर लेते तो उनको कौन पूछता? अन्‍य लाखों सैनिक साथियों की भांति उनका भी नाम केवल सैनिक रजिस्‍टरों में लिखा रह जाता। यह तो भला हो अमेरिका के उस गृहयुद्ध का, जब देश पर आए खतरे को टालने के लिए उसने अपनी बुद्धि और अथाह शक्ति से काम लिया। यदि जनरल ग्रांट को इस गृहयुद्ध में विद्रोहियों को कुचलने का मौका मिलता तो आज हम भी उसे कहां याद करते? सबको कैसे पता चलता कि उस आदमी के अन्‍दर विराट शक्ति मौजूद है, मगर वह शक्ति तो छुपी हुई थी। जैसे ही गृहयुद्ध की चोट उस पर पड़ी तो वह एकदम फूट कर बाहर गई। गृहयुद्ध की इस भयंकर आग ने उस गोले को चिंगारी दिखा दी, आम हालात में तो शायद उसे अपनी इस दिव्‍य शक्ति का पता ही चलता।  

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