eng
competition

Text Practice Mode

साई टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्‍यू बैंच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565

created Mar 16th 2020, 12:44 by lucky shrivatri


1


Rating

340 words
1 completed
00:00
बहुत समय पहले की बात है, घास के मैदानों से भरा एक जंगल था जिससे भैंसों का झुंड गूजर रहा था। झुंड अभी कुछ ही आगे बढ़ा था कि अचानक शेरों ने उन पर हमला कर दिया।
 
बाकी भैंसे तो बच गयी पर एक बेचारी भैंस झुंड से अलग हो गयी शेर उसका पीछा करने लगे और वो घबराहट के मारे इधर-उधर भागने लगी। कभी दाएं कभी बाएं कभी ढलान पर तो कभी चढ़ाई पर, भैंस इतनी डरी हुई थी कि उसने पलट कर देखा तक नहीं कि शेर कब के वापस लोट गए है उसे तो बस अपनी जान की फिक्र थी काफी देर तक भागने के बाद जब‍ वो रूकी तब उसे एहसास हुआ कि वह जंगल मे बाहर निकल एक गांव में चुकी है। अगले दिन जंगली कुत्‍तों का झुंड घास के बीच मिल रही उस भैंस की गंध का पीछा करते-करते उसी रास्‍ते पर चल पड़ा।
 
अगले दिन भेड़े भी घास के बीच बने रास्‍ते को देखकर उसी पर चल पड़ी ऐसे करते-करते बहुत से जानवर उसी रास्‍ते पर चलने लगे और एक दिन जब जंगल में शिकार कर रहे नवयुवकों ने वो रास्‍ता देखा तो वो भी उसी रास्‍ते पर चल पड़े और गांव पहुंच कर बहुत खुश हुए कि उन्‍होंने जंगल से निकलने का एक सरल रास्‍ता खोज लिया है फिर क्‍या था गांव बाले भी उसी रास्‍ते जंगल आने जाने लगे धीरे धीरे उस रास्‍ते पर बैल गाडिया चलने लगीं जिसपर किसान लकडिया काट कर गांव ले जाते और फिर उसे शहर में बेच देते।
 
भैंस द्वारा बनाया गया वो रास्‍ता आज उस इलाके का मुख्‍य मार्ग बन चुका था और बेहद बेढंगा ऊंचा नीचा और कठीन होने के बावजूद सब उसी रास्‍ते पर खुशी खुशी चल रहे थे।
सार- मत स्‍वीकार करिए उस रास्‍ते को जो आपने सिर्फ इस लिए चुना है क्‍योंकि सब उसे ही चुनते हैं एक बार ठहरिये और समझने की कोशिश करिए कहीं आप भी 30 मिनट का रास्‍ता 3 घंटे में तो नहीं कवर कर रहें हैं  
पुछिए खुद से- क्‍या आप सही रास्‍ते पर हैं?

saving score / loading statistics ...