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बंसोड टायपिंग इन्स्टीट्यूट शॉप नं. 42 आनंद हॉस्टिपटल के सामने, संचालक- सचिन बंसोड मो.नं.
created Feb 27th 2020, 01:09 by sachinbansod1609336
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सरकार में शीर्ष स्तर पर काफी सोच-विचार के बाद दिल्ली में हालात को काबू करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को उतारने का फैसला किया गया। दिल्ली में जारी हिंसा के हालात पर लंबी चर्चा के बाद खुद गृहमंत्री अमित शाह ने आधी रात को अजीत डोभाल को हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा कर हालात में काबू करने को कहा। इसके पहले डोभाल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर चुके थे। बुधवार को डोभाल ने सुरक्षा से संबंधित मंत्रिमंडलीय समिति को ताजा हालात की जानकारी दी। गृहमंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मंगलवार को उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में जारी हिंसा सरकार के चिंता का सबब बन गया था। रविवार को ही केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 13 अतिरिक्त कंपनियां मुहैया कराने के बावजूद दिल्ली पुलिस हिंसा को रोकने में बुरी तरह विफल रही थी। यहां तक अमित शाह द्वारा दिल्ली के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक के बाद भी स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रहा था। जमीनी स्तर पर फीडबैक से मालूम हुआ कि इसके लिए दिल्ली पुलिस में आपसी तालमेल के साथ-साथ निचले स्तर पर पुलिसकर्मियों में मनोबल का अभाव प्रमुख कारण है। रात्रिभोज के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वापस रवाना होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की स्थिति पर अजीत डोभाल से लंबा विचार-विमर्श किया। पीएम से मुलाकात के बाद डोभाल गृहमंत्री के घर गए, जहां दोनों के बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस और खुफिया ब्यूरो को वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। अमित शाह ने खुद सुझाव दिया कि पुलिस का मनोबल बढ़ाने, केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के साथ स्थानीय पुलिस का तालमेल बढ़ाने और हिंसाग्रस्त इलाकों में लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए खुद अजीत डोभाल को हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करना चाहिए। सूत्रों के अनुसार अमित शाह के सुझाव के बाद अजीत डोभाल तत्काल दंगाग्रस्त इलाकों के दौरे पर निकल गए। उनके जाने का असर भी दिखने लगा।
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