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सॉंई टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्‍यू बैच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565

created Feb 26th 2020, 02:52 by Shankar D.


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जर्मनी में ऐसा कानून लाने की तैयारी चल रही है, जिसका उद्देश्‍य दक्षिणपंथी अतिवाद और घृणा अपराध जैसे कृत्‍यों से अधिक सख्‍ती और कुशलता  से निपटना है। इससे संबंधित विधेयक का प्रारूप तैयार है और उसे संसद की मंजूरी मिलना बाकी है। जानकारों का कहना है कि विधेयक का प्रारूप काफी सख्‍त कानून की सिफारिश करता प्रतीत होता है, जैसा विश्‍व में कही नहीं है। कुछ ने यह भी चिंता व्‍यक्‍त की है कि इस कानून का प्रारूप इंटरनेट को सेंसर करने जैसा है।  
जर्मनी के मंत्रिमंडल से पारित इस विधेयक के अनुसार फेसबुक,‍ टि्वटर और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए उनके प्‍लेटफाॅर्म पर कुछ घृणित  अभिव्‍यक्तियों के बारे में पुलिस को सूचना देना अनिवार्य होगा। 2017 में भी जर्मनी में नेटजेडडीजी नामक कानून लाया गया था, जिसके तहत ऐसे सोशल मीडिया नेटवर्क, जिनके उपयोगकर्ताओं की संख्‍या 20 लाख से ज्‍यादा है, उनके लिए 24 घंटे के भीतर कानून का उल्‍लंघन  करने वाली पोस्‍ट पर कार्रवाई करना अनिवार्य था। ऐसा नहीं करने पर 5 करोड़ यूरो का जुर्माना लगाने का प्रावधान था।  
2017 के कानून में इंटरनेट कंपनियों का अपने प्‍लेटफॉर्म से घृणित टिप्‍पणियां हटाना ही शामिल था, लेकिन प्रस्‍तावित विधेयक  के अनुसार उन्‍हें केवल घृणित टिप्‍पणियों को हटाना होगा, बल्कि फेडरल क्रिमिनल पुलिस बीकेए को इस संबंध में सूचित करना होगा। यूरोपीय संघ घृणित उदबोधन या वक्‍तव्‍य को सार्वजनिक तौर पर हिंसा या नफरत फैलाने के लिए उकसाना मानता है। साथ ही कुछ विशिष्‍टताओं जैसे नस्‍ल, रंग, धर्म, वंश, राष्‍ट्र या जातीय आधार पर किसी व्‍यक्ति या समूह को निशाना बनाना भी घृणित अभिव्‍यक्ति मानी जाती है। जर्मनी के आपराधिक कानून के तहत केवल अपराध की धमकी, आम तौर पर हत्‍या की धमकी, पर सजा मिलती है। प्रस्‍तावित विधेयक में यौन, शारीरिक अस्तित्‍व, निजी स्‍वतंत्रता या व्‍यक्तिगत रूप से किसी व्‍यक्ति या उससे संबंधित लोगों से जुड़े अहम मामलों या वस्‍तुओं पर दी गई धमकी भी दण्‍डनीय अपराध मानी गई है। ऑनलाइन धमकी पर दो साल तक की सजा और आमने-सामने व्‍यक्तिगत तौर पर धमकी देने पर तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।  
प्रस्‍तावित विधेयक में तेज आवाज और आक्रामक रूख के साथ मानहानि मनोवैज्ञानिक हिंसा मानी जाएगी, जिस पर सजा दी जा सकती है। राजनीति से जुड़े लोगों की मानहानि, शांति भंग करना और यहूदीवाद का विरोध भी इसमें शामिल है। सोशल मीडिया वेबसाइटों  के लिए आपराधिक कृत्‍यों-दुष्‍प्रचार, हिंसा संबंधी तैयारी और चित्रण, अपराध को  सराहना-मंजूरी देना बाल अश्‍लील सामग्री वितरण के लिए बीकेए को रिपाेर्ट करना अनिवार्य होगा।     

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