Text Practice Mode
साई टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्यू बैंच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565
created Feb 24th 2020, 04:24 by Jyotishrivatri
1
350 words
10 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
00:00
एक बार की बात है किसी दूर राज्य में एक राजा शासन करता था। उसके राज्य में सारी प्रजा बहुत संपन्न थी किसी को कोई दु:ख नहीं था ना ही किसी का कोई ऋण था। राजा के पास भी खजाने की कमी नहीं थी वह बहुत ही वैभवशाली जीवन जीता था।
एक बार राजा के मन में ख्याल आया कि क्यों ना अपने राज्य का निरीक्षण किया जायेगा देखा जाये कि राज्य में क्या चल रहा है और लोग कैसे रह रहे हैं तो राजा ने कुछ सोचकर निश्चय किया कि वह बिना किसी वाहन के पैदल ही भेष बदलकर राज्य में घूमेगा जिससे वो लोगों की बातें सुन सके और उनके विचार जान सके।
फिर अगले दिन से ही राजा भेष बदल कर अकेला ही राज्य में घूमने निकल गया उसे कहीं कोई दुखी व्यक्ति दिखाई नहीं दिया फिर धीरे-धीरे उसने अपने कई किलों और भवनों का निरीक्षण भी किया।
जब राजा वापस लौटा तो वह खुश था कि उसका राज्य संपन्न है लेकिन अब उसके पैर में बहुत दर्द था क्योंकि ये पहला मौका था जब राजा इतना ज्यादा पैदल चला हो उसने तुरंत अपने मंत्री को बुलाया और कहा राज्य में सड़के इतने कठोर पत्थर की क्यों बनाई हुई हैं?
देखो मेरे पैरों में घाव हो गए हैं मैं इसी वक्त आदेश देता हूं कि पूरे राज्य में सड़को पे चमड़ा बिछवा दिया जायेगा जिससे चलने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
मंत्री यह सुनते से सन्न रह गया बोला महाराज इतना सारा चमड़ा कहां से आयेगा और इतने चमड़े के लिए ना जाने कितने जानवरों की हत्या करनी पडेगी और पैसा भी बहुत लगेगा राजा को लगा कि मंत्री उसकी बात ना मान कर उसका अपमान कर रहा है इस पर राजा ने कहा आपको जो आदेश दिया गया उसका पालन करो देखो मेरे पैंरो में पत्थर की सड़क पे चलने से कितना दर्द हो रहा है।
मंत्री बहुत बुद्धिमान था, मंत्री ने शांत स्वर में कहा महाराज पूरे राज्य में सड़क पर चमड़ा बिछवाने से अच्छा है, आप चमड़े कि जूते क्यों नहीं खरीद लेते। मंत्री की बात सुनते ही राजा निशब्द सा होकर रह गया।
एक बार राजा के मन में ख्याल आया कि क्यों ना अपने राज्य का निरीक्षण किया जायेगा देखा जाये कि राज्य में क्या चल रहा है और लोग कैसे रह रहे हैं तो राजा ने कुछ सोचकर निश्चय किया कि वह बिना किसी वाहन के पैदल ही भेष बदलकर राज्य में घूमेगा जिससे वो लोगों की बातें सुन सके और उनके विचार जान सके।
फिर अगले दिन से ही राजा भेष बदल कर अकेला ही राज्य में घूमने निकल गया उसे कहीं कोई दुखी व्यक्ति दिखाई नहीं दिया फिर धीरे-धीरे उसने अपने कई किलों और भवनों का निरीक्षण भी किया।
जब राजा वापस लौटा तो वह खुश था कि उसका राज्य संपन्न है लेकिन अब उसके पैर में बहुत दर्द था क्योंकि ये पहला मौका था जब राजा इतना ज्यादा पैदल चला हो उसने तुरंत अपने मंत्री को बुलाया और कहा राज्य में सड़के इतने कठोर पत्थर की क्यों बनाई हुई हैं?
देखो मेरे पैरों में घाव हो गए हैं मैं इसी वक्त आदेश देता हूं कि पूरे राज्य में सड़को पे चमड़ा बिछवा दिया जायेगा जिससे चलने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
मंत्री यह सुनते से सन्न रह गया बोला महाराज इतना सारा चमड़ा कहां से आयेगा और इतने चमड़े के लिए ना जाने कितने जानवरों की हत्या करनी पडेगी और पैसा भी बहुत लगेगा राजा को लगा कि मंत्री उसकी बात ना मान कर उसका अपमान कर रहा है इस पर राजा ने कहा आपको जो आदेश दिया गया उसका पालन करो देखो मेरे पैंरो में पत्थर की सड़क पे चलने से कितना दर्द हो रहा है।
मंत्री बहुत बुद्धिमान था, मंत्री ने शांत स्वर में कहा महाराज पूरे राज्य में सड़क पर चमड़ा बिछवाने से अच्छा है, आप चमड़े कि जूते क्यों नहीं खरीद लेते। मंत्री की बात सुनते ही राजा निशब्द सा होकर रह गया।
saving score / loading statistics ...