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जगदम्बा साईबर कैफे
created Feb 22nd 2020, 14:35 by SushobhitKachhi
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अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति ( अत्याचार निवारक) अधिनियम, 1989 का विस्तार सम्पूर्ण भारत पर है।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति ( अत्याचार निवरण) अधिनियम 1989 को राष्ट्रापति की सहमति दिनांक 11 दिसम्बर, 1989 को प्राप्ति हुई थी।
अनुसूचित जाति और अनुवूचित जनजाति ( अत्याधचार निवारण) अधिनियम 1989 दिनांक 30 जनवरी, 1990 को प्रवृत्तम हुआ।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम , अनुसूचित जाति और जनजाति की उन्नति के लिए एक प्रावधान है जो संरक्षा विभेद के सिद्धांत पर अधरित है।
अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति अधिनियम, 1989 भारतीय संविधान के अनुच्छेेद 17 से सम्बन्धित है।
दिनांक 20-03-2018 को डॉ. संभाष काशीनाथ महाजन बनाम महाराष्ट्रन राज्य के मामले में उच्चतम न्यातयालय ने अपने ऐतिहासिक एवं बहुचर्चित निर्णय में दिशानिर्देश जारी करते हुए अभिनिर्धारित किया था कि गिरफ्तारी चाहने पाले किसी अन्य स्वतंत्र अपराध के अभाव में, यदि कोई अभियुक्त व्यक्ति एक लोक सेवक है तो नियुक्ति प्राधिकारी की लिखित अनुज्ञा के बिना, इस अधिनियम के अधीन अपराधों के बाबत, कोई गिरफ्तारी प्रभावी नहीं हो सकेगी।
अनुसूचित जाति और जनजातियॉं ( अत्यािचार निवारण) संशोधन अधिनियम 2018 (क्रमांक 27 सन् 2018) द्वारा किया गया है जिसके द्वारा नई धारा-18 जोड़ी गई है।
अनुसूचित जातियॉं और अनुसूचित तनतातियॉं संशोधन अधिनियम 2018 (क्रमोंक 27 सन् 2018) दिनांक 20 अगस्त7, 2018 से लागू किया गया।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति ( अत्याचार निवरण) अधिनियम 1989 को राष्ट्रापति की सहमति दिनांक 11 दिसम्बर, 1989 को प्राप्ति हुई थी।
अनुसूचित जाति और अनुवूचित जनजाति ( अत्याधचार निवारण) अधिनियम 1989 दिनांक 30 जनवरी, 1990 को प्रवृत्तम हुआ।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम , अनुसूचित जाति और जनजाति की उन्नति के लिए एक प्रावधान है जो संरक्षा विभेद के सिद्धांत पर अधरित है।
अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति अधिनियम, 1989 भारतीय संविधान के अनुच्छेेद 17 से सम्बन्धित है।
दिनांक 20-03-2018 को डॉ. संभाष काशीनाथ महाजन बनाम महाराष्ट्रन राज्य के मामले में उच्चतम न्यातयालय ने अपने ऐतिहासिक एवं बहुचर्चित निर्णय में दिशानिर्देश जारी करते हुए अभिनिर्धारित किया था कि गिरफ्तारी चाहने पाले किसी अन्य स्वतंत्र अपराध के अभाव में, यदि कोई अभियुक्त व्यक्ति एक लोक सेवक है तो नियुक्ति प्राधिकारी की लिखित अनुज्ञा के बिना, इस अधिनियम के अधीन अपराधों के बाबत, कोई गिरफ्तारी प्रभावी नहीं हो सकेगी।
अनुसूचित जाति और जनजातियॉं ( अत्यािचार निवारण) संशोधन अधिनियम 2018 (क्रमांक 27 सन् 2018) द्वारा किया गया है जिसके द्वारा नई धारा-18 जोड़ी गई है।
अनुसूचित जातियॉं और अनुसूचित तनतातियॉं संशोधन अधिनियम 2018 (क्रमोंक 27 सन् 2018) दिनांक 20 अगस्त7, 2018 से लागू किया गया।
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