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साई टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्‍यू बैंच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565

created Feb 8th 2020, 09:54 by lucky shrivatri


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श्री राम जन्‍मभूमि तीर्थक्षेत्र न्‍यास के गठन की दीर्घप्र‍तीक्षित घोषणा करके केंद्र सरकार ने राम मंदिर निर्माण की दिशा में महत्‍वपूर्ण कदम उठाते हुए अपना काम पूरा कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार गठित यह न्‍यास अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण का ऐतिहासिक काम अपने हाथ में लेगा और इस तरह करोड़ो लोगों की धार्मिक भावनाएं आकार ले सकेगी। भारत जैसे विशाल देश में किसी फैसले से सबको सहमत कर पाना कठिन है। फिर भी सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर 2019 के फैसले के प्रति व्‍यापक समर्थन ही नजर आया है। छिटपुट विरोध को नजरअंदाज कर दें तो ऐसा मानने के पर्याप्‍त आधार है कि मंदिर-मस्जिद के दशकों पुरने विवाद का अब अंत होने वाला है। मुस्लिम समुदाय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार मस्जिद के लिए जमीन लेने या लेने पर गुटों में बंटा है। इस कारण मस्जिद की जमीन को लेकर अब भी खींचतान चल रही है। हालांकि समय के साथ विवाद का पटाक्षेप हो जाने की उम्‍मीद की जा सकती है। ऐसे में न्‍यास में शामिल सदस्‍यों को लेकर नाराजगी का सामने आना दुर्भाग्‍यपूर्ण ही कहा जाएगा। न्‍यास में किसे शामिल किया जाए यह सरकार को तय करना था जो उसने कर दिया है। कुछ नामों की घोषणा नहीं की गई है पर उसकी शर्ते तय कर दी गई है। संत समाज को भी अपना प्रतिनिधि शामिल करने की छूट दी गई है। ऐसे में न्‍यास पर विवाद करना दरअसल राम मंदिर के काम में अड़चन डालना ही माना जाएगा। इसलिए हमें सब भूल कर राम मदिंर का जल्‍द ही निर्माण करना चाहिए।  

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