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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || CPCT_Admission_Open
created Sep 20th 2019, 11:07 by MayankKhare
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पूरे विश्व में जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर प्राकृतिक आपदाएं और उनसे जुड़ी आपातकाल की समस्या बढ़ती जा रही हैं। इसके साथ ही हमें वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को समझते हुए प्राकृतिक खतरों के लिए पहले से तैयारी कर लेनी चाहिए। इस दिशा में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सही मार्ग पर प्रशस्त है। मौसम की तीव्रता और जलवायु परिवर्तन की घटनाओं के सटीक पूर्वानुमान ने भूकंप और भूस्खलन के दुष्प्रभावों से निपटने में मदद की है। जनता के घनत्व, राजकीय संपत्ति और आर्थिक गतिविधियों के क्षेत्रगत डाटा के सहयोग से प्राकृतिक घटनाओं के चलते होने वाली हानि का अनुमान लगाकर उसे सुरक्षित रखने का भी प्रयास किया जा रहा है।
पिछले कुद वर्षों में आपदा-प्रबंधन के क्षेत्र में बिग डाटा, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में काम हो रहा है। परन्तु हमें यह समझने की जरुरत है कि ये अत्याधुनिक हथियार, प्रभावित वर्ग की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं की गहन मानवीय संवेदना को छू पाने में सक्षम नहीं हैं। अत: हमें जमीनी स्तर पर काम करना होगा।
पिछले कुद वर्षों में आपदा-प्रबंधन के क्षेत्र में बिग डाटा, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में काम हो रहा है। परन्तु हमें यह समझने की जरुरत है कि ये अत्याधुनिक हथियार, प्रभावित वर्ग की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं की गहन मानवीय संवेदना को छू पाने में सक्षम नहीं हैं। अत: हमें जमीनी स्तर पर काम करना होगा।
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