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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH-(MP):- SONU AHIRWAR

created Mar 19th 2019, 05:42 by Sonuahirwar1594983


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दिल्‍ली को राजधानी बनाने का ऐलान 12 दिसंबर 1911 को हुआ था। तब भारत के शासक किंग जॉर्ज पंचम ने दिल्‍ली दरवार में इसकी आधारशीला रखी थी। बाद में ब्रिटिश आर्किटेक्‍ट सर हरर्बट बेकर और सर एडविन लुटियंस ने नए शहर की योजना बनाई थी। इस योजना को पूरा करने में दो दशक लग गए। इसके बाद 13 फरवरी 1931 को आधिकारिक रूप से दिल्‍ली देश की राजधानी बनी। इतिहासकारों का मानना है दिल्‍ली शब्‍द फारसी के देहलीज से आया है क्‍योंकि दिल्‍ली गंगा के तराई इलाकों के लिए एक देहलीज थी। कुछ लोगों का मानना है कि दिल्‍ली का नाम तोमर राजा ढिल्‍लू के नाम पर पड़ा। एक अभिशाप को झूठा सिद्ध करने के लिए राजा ढिल्‍लू ने इस शहर की बुनियाद में गडी एक कील को खुदवाने की कोशिश की। इस घटना के बाद उनके राजपाट का तो अंत हो गया लेकिन मशहूर हुई एक कहावत, किल्‍ली तो ढिल्‍ली भई, तोमर हुए मतीहीन जिससे दिल्‍ली को उसका नाम मिला।  

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