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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH

created Jul 24th 2017, 03:44 by subodh khare


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पिछले चार दिन से फेसबुकिया हसीनाओं ने माथा खराब कर रखा है। जिसे देखो वही अपनी मेकअप रहित सेल्‍फी वाली फोटो डाल रही है। कुछ मोहतरमाओं ने तो हद ही कर दी। सुबह-सुबह उठते ही मंजन-दातुन तक नहीं किया, अपने मोबाइल से तस्‍वीर खींची ओर अपलोड कर दी। कई सुन्‍दरियां जो मेकअप में रानी परममुखी नजर आती थी वह बगैर मेकअप के पूतना की बहन दिखलाई पड़ रही है। एकाध तो मोटे-मोटे होठों से भरतीय नहीं, अफ्रीकी नजर रही हैं। इस चक्‍कर में कइयों की पोल खुल रही है। एक सुन्‍दरी सदैव अपने चेहरे को मैकअप की सात परतों में छिपकाकर चिकना-चमकीला बनाए रखती थी लेकिन इस मेकअप रहित सेल्‍फी की नामाकूल होड़ में पड़ने से अजागर हुआ कि उनके चेहरे पर बरसात के मौसम में, किसी निकम्‍मी सरकार की राजधानी की सड़कों पर पड़े जितने गहरे गड्ढे हैं। क्षमा करें। हमारी इस बेबाक बयानी को आप फेसबुकी भद्र महिलाओं के प्रति अशिष्‍टाचार समझे। क्‍योंकि हमारे पिता ने मरते बखत बचन दिया था कि हम सदैव महिलाओं के प्रति शिष्‍टाचार रहेंगे। जहां तक क्रीम, पॉडर, रुज, लिपस्टिक का सवाल है, हमने अपनी दीदी, नानी और अम्‍मा को कभी इनका प्रयोग रते नहीं देखा। बावजूद इसके अनके होंठ एकदम लाल थे, मुलतानी मिट्टी से धुले बाल चमकते थे और हुक्‍के के गुल ओर नमक से बने मंजन से उनके उनके दांत मोतियोंं से चमकते थे। कड़ी मेहनत करने से वजन नहीं बढ़ा। फेसबुक पर अपनी अलसाई, मुम्‍हलाई, बिननहाई फोटुओं को बार-बार शेयर करने के बावजूद एक भी कथित सुन्‍दरी ने यह नहीं लिखा कि आज के बाद हम कभी कृत्रिम सौन्‍दर्य प्रसाधनों का उपयोग नहीं करेंगी।

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