Text Practice Mode
BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्येय ✤|•༻
created Apr 11th, 11:19 by Buddha academy
0
353 words
7 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
00:00
विचारण न्यायालय के अभिलेख में सलंग्न आरोप पत्र के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि लिपिकीय त्रुटि के कारण आरोप पत्र में अभियुक्त पर धारा 25बी आयुध अधिनियम का आरोप विरचित किया गया है जबकि अभियुक्त के आधिपत्य से, जैसा कि अभियोजन पक्ष कथन से स्पष्ट है, देसी कट्टा और 2 जिंदा कारतूस बरामद किये गये थे, जो अगला युद्ध आयुध है। अभिप्राय यह है कि अभियुक्त पर धारा 25ए आयुध अधिनियम के अंतर्गत आरोपपत्र विरचित किया जाना चाहिए था। इस बिंदु पर अपील ज्ञापन में कोई आपत्ति नहीं की गई है और साथ ही साथ अभियोजन साक्षीगण का कूटपरीक्षण करते हुये बचावपक्ष को इस बात का पूर्णतया भान रहा है कि उस पर अगला आयुध जप्ती का आरोप रहा है और उसने इसी आरोप के संबंध में अपना बचाव किया है। अत: उक्त तकनीकी या लिपिकीय त्रुटि की उपेक्षा किया जाना ही उचित होगा। प्रकरण में प्रस्तुत की गई संपूर्ण साक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुये अभियोजन, अभियुक्त पर युक्तियुक्त संदेह से परे धारा 25ए आयुध अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय अपराध का आरोप स्थापित करने में पूर्णतया सफल रहा है। विचारण न्यायालय के निष्कर्ष उचित और वैधानिक है और उनमें हस्तक्षेप किये जाने की कोई औचित्यता या आवश्यकता प्रकट नहीं होती है। अपील ज्ञापन में ली गई आपत्तियां स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है। बचावपक्ष को उनके द्वारा प्रस्तुत किये गये न्याय दृष्टांतों से कोई लाभ नहीं मिलता। इस अपराध के आरोप में अभियुक्त को दोषसिद्ध कर विचारण मजिस्ट्रेट ने कोई त्रुटि नहीं की है। विचारण मजिस्ट्रेट द्वारा दिया गया दंड भी समानपातिक है और अत्याधिक नहीं है। अभियुक्त को न्यूनतम दंड से दंडित किया गया है दंड हस्तक्षेप योग्य नहीं है यह दांडिक अपील सारहीन व निरर्थक होने से निरस्ती योग्य है।
नि:संदेह है यह सत्य की है कि संहिता के अंतर्गत आने वाले किसी भी धारा आंतकवादी क्रियाकलाप या अंतरराष्ट्रीय अपराध या ऐसा अपराध जिसके अंतर्गत मुद्रा अंतरण के अंतर्वलित है शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया है किंंतु केवल इतना ही पर्याप्त नहीं है यह अभिनिर्धारित किया है कि भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर यदि किसी अपराधी किया गया तब भी इन उपबंधों का अभिलंब लिया जा सकता है।
नि:संदेह है यह सत्य की है कि संहिता के अंतर्गत आने वाले किसी भी धारा आंतकवादी क्रियाकलाप या अंतरराष्ट्रीय अपराध या ऐसा अपराध जिसके अंतर्गत मुद्रा अंतरण के अंतर्वलित है शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया है किंंतु केवल इतना ही पर्याप्त नहीं है यह अभिनिर्धारित किया है कि भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर यदि किसी अपराधी किया गया तब भी इन उपबंधों का अभिलंब लिया जा सकता है।
saving score / loading statistics ...